प्रवासी प्रजातियों को बचाने के लिए आज से मंथन करेंगे दुनियाभर के 130 देश

दुनिया के 130 देशों की चिंता जलवायु परिवर्तन के चलते प्रवासी प्रजातियों की घटती संख्या और लुप्त हो रही प्रजातियों को लेकर है। इसके तहत प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए उन कीट पतंगों को बचाने की जरूरत है जो मेहमान पक्षियों का भोजन बनते हैं।


संयुक्त राष्ट्र की प्रवासी जीव प्रजाति संधि के तहत चिंतित देशों के प्रतिनिधि छह दिवसीय कॉप-13 सम्मेलन में सोमवार से गहन चर्चा कर समाधान खोजेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग से सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

प्रवासी पक्षियों के अलावा समुद्र के जलचर और अन्य प्रवासी प्राणी देशों की सीमाएं लांघ पलायन करते हैं। जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा अब इन मेहमानों पर भी दिखने लगा है। इसमें बड़ा खतरा आने वाले पक्षियों के भोजन संकट का है। इन पक्षियों को जरूरी कीट पतंगे नहीं मिल रहे हैं। वहीं समुद्र में प्लास्टिक बड़ी चुनौती के रूप में है।

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय 13वें सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। पूरे एक सप्ताह प्रवासी पक्षियों, प्राणियों और जलचर के संवर्धन और संरक्षण पर चर्चा और समाधान खोजेंगे। प्रकृति और मनुष्य का विकास एक साथ हो।